बरसाना- ब्रजाचार्य पीठ ऊंचागांव में ब्रजाचार्य पीठाधीश्वर श्रीनारायणभट् जी की समाधि पर सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार आज 551वीं सुरंगी होली महोत्सव मनाया गया ।
श्रीनारायणभट्ट जी देवर्षि नारद जी के अवतार थे। जिन्होंने श्रीयुगल सरकार के द्वारा प्राप्त लाडलेलाल ठाकुर जी की कृपा से ब्रज के सहस्यों के साथ-साथ ब्रज को प्रगट किया और श्रीराधारानी का श्रीविग्रह प्रगट किया जिसके दर्शन आज समस्त भूमण्ड सहित पुरा ब्रह्माण्ड बरसाना में करता है। और इन्हीं के साथ भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम ( दाऊजी ) का श्रीविग्रह को भी प्रगट किया जो ऊंचागांव में है । इनका नारदजी होने का प्रमाण भी मिलता है। त्रिवेणी को ऊंचा गांव में प्रगट करने पर तीर्थराज प्रयाग और नारायण भट्ट जी का संवाद का बड़ा सुन्दर प्रसंग भक्तमाल में मिलता है।
आज ऊंचागांव में 551वां सुरंगी होली महोत्सव बनाया गया । भट्ट परम्परा के प्रवक्ता घनश्यामभट्ट जी ने बताया की बरसाना होली से पहले प्रथम होली ब्रजाचार्य पीठाधीश्वर श्रीनारायणभट्ट जी ने ऊंचागांव में मनाया और इस होली का नाम सुरंगी होली महोत्सव रखा। उसके बाद अगले वर्ष से बरसाना में लठामार होली मनाने लगे। इस सुरंगी होली का उल्लेख रगं नाटक ग्रथ मिलता है। और बरसाना समाज में भी गाया जाता है । इस सुरंगी होली पर श्रीनारायणभट्टजी की समाधि पर ऊंचे गांव की गोपियां और गोप नाचते-गाते और होली खेलते हैं ।और बरसाना से सैकड़ों वर्षों से गोस्वामी समाज का गायन होता चला आ रहा है, जो अब समाज गायन की परम्परा टूटती नजर आ रही है । सुरंगी होली महोत्सव श्रीलाडलेलाल ठाकुर की उपस्थिति में इसमें ब्रजाचार्य पीठ के आचार्य श्रीउपेन्द्रभट्टाचार्य, प्रवक्ता घनश्यामभट्ट जी, सुसटभट्ट महाराज, रामदासबाबा, शहीद भगतसिंह क्रान्तिदल के संस्थापक पदम फौजी, गोविंद मुनीम, चरनसिंह प्रधान, आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे ।